*🙏एक ऐसा चुटकला जो चुटकला नहीं है , ज्ञान है* ।
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एक पर्यटक, ऐसे शहर मे आया जो शहर उधारी में डूबा हुआ था !
पर्यटक ने रु. 500 का नोट होटल और रेस्टोरेंट के काउंटर पर रखा और कहा :- मैं जा रहा हूँ , आपके होटेल के अंदर कमरा पसंद करने!
👉 होटल का मालिक फ़ौरन भागा घी वाले के पास
और उसको रु. 500 देकर घी का हिसाब चुकता कर लिया !🤣
👉 घी वाला भागा दूध वाले के पास और जाकर रु. 500 . देकर दूध का हिसाब पूरा करा लिया !😆😆
👉 दूध वाला भागा गाय वाले के पास और गाय वाले को रु. 500. देकर दूध का हिसाब पूरा करा दिया !🤩🤩
👉गाय वाला भागा चारे वाले के पास और चारे के खाते में रु. 500 कटवा आया ! 😉😉
👉 चारे वाला गया उसी होटल पर ! वो वहां कभी कभी उधार में रेस्टोरेंट मे खाना खाता था। रु. 500 देके हिसाब चुकता किया !😅😅
👉 पर्यटक वापस आया और यह कहकर अपना रु. 500 का नोट ले गया कि उसे कोई रूम पसंद नहीं आया !😜😜
न किसी ने कुछ लिया
न किसी ने कुछ दिया
सबका हिसाब चुकता !
*बताओ गड़बड़ कहाँ है ?*
कहीं गड़बड़ नहीं है बल्कि यह सभी की गलतफहमी है कि रुपये हमारे हैं।
खाली हाथ आये थे,
खाली हाथ ही जाना है।
विचार करें और जीवन का आनंद लें।
😄 हमेशा खुश रहे मस्त रहें ।
घर पर रहे सुरक्षित रहे ।👏👏
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